ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोये।
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।। भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं, कि प्रत्येक मनुष्य को ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जो श्रोता (सुनने वाले) के मन को आनंदित (अच्छी लगे) करे। ऐसी भाषा सुनने वालो को तो सुख का अनुभव... पूरा पढ़े -> http://bit.ly/30DPtjU
Aisi Vaani Boliye – Kabir Ke Dohe

Books
hindi dohe
,kabir amritwani in hindi words
,kabir ke dohe
https://kabir-k-dohe.blogspot.com/2021/01/aisi-vaani-boliye.html